Founder

बुलंद हौसलों की कहानी

खुद से जितने की जिद हैं, मुझे खुद को हराना है

मैं भीड़ नहीं हूँ दुनियाँ की मेरे अन्दर एक जमाना हैं.....

डॉ सुषमा सिंह

  • नाम डॉ सुषमा सिंह
  • जन्म स्थान बनारस (उत्तर प्रदेश)
  • शिक्षा एम ए. , (BHU), एम. फिल. (BHU), एम. एस. डब्लू (इग्नू), पी.एच.डी., {Banaras Hindu University (BHU)}
  • व्यवसाय/नौकरी 2007 से असिस्टेंट प्रो. महिला महाविद्यालय बनारस यूनिवर्सिटी, 2011 में सी.एम.डी. स्तात्कोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़, 2014 में सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी लॉ डिपार्टमेंट में 2015 में यूनिवर्सिटी में त्याग पत्र दिया और अगस्त 2015 में निदान संस्था का गठन कर महिलाओं के क्षेत्र में स्वास्थ्य व रोजगार के विषय पर कार्य करने का निर्णय लिया|
  • निदान संस्था का गठन-निदान संस्था का गठन 24 फरवरी 2015 को अपने पंजीयन स्वरूप में रजि. न. 26160 के रूप में हुआ | निदान संस्था का मोटो “एक कदम समाधान से परिणाम की ओर” है जिसका अर्थ न सिर्फ समस्या का समाधान बल्कि साथ ही साथ निदान संस्था उसके परिणाम तक जाती हैं | समाज पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव का भी बड़ी खूबसूरती के साथ समाचार पत्रों के द्वारा करते हैं |
  • निदान संस्था के कार्य -
  •          ग्रामीण छात्रों व किशोरियों के लिए मुक्ति हाईजीन प्रोजेक्ट (9-16 वर्ष)
  •     किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक/हार्मोनल परिवर्तनों को शासकीय विद्यालय में शिविर लगा कर सकारात्मक माहौल में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के बारे में किशोरियों को अवगत करना |
  •          2015 में निदान संस्था की अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने ग्रामीण किशोरियों/महिलाओं के स्वास्थ्य पर काम शुरू किया धीरे-धीरे उन्होंने पाया की ज्यादातर किशोरियां अपने मासिक धर्म के दौरान नहीं जाती | ख़ास कर मासिक धर्म के शुरूआती तीन से चार दिन तो आवश्यक रूप से स्कूल आना बंद कर देती है |
  •          डॉ. सिंह को स्कूल ना आने के ख़ास कारणों के बिंदु पर जानने की जिज्ञासा हुई तो कारण पता लगाने के लिए डॉ. सुषमा सिंह विकासखंड बिल्हा, मस्तुरी के गावों के शास. विद्यालयों में सर्वे के साथ जागरूकता अभियान शुरू किया और 3200 सौ छात्राओं और 68 सिक्षकाओ से जो आंकड़े मिले वो चौंका देने वाले थे – 78 प्रतिशत छात्राएं अपने पहले मासिक धर्म शुरू होने से पहले इस विषय पर कुछ नहीं जानती जिससे उनके अन्दर मासिक धर्म से जुड़ीं भ्रातिया व् रूढ़ियाये स्थान ले लेती है और कई मामलो में तो वे हीनभावना व शर्मिंदगी का भी कारण बनती है |
  •          निदान संस्था ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में इसी विषय को फोकस किया और स्चूलों में मुक्ति हाईजीन प्रोजेक्ट शुरू किया और पाया की इस तरह का अवेयर्नेस काफी ज्यादा आवश्यक है ग्रामीण शासकीय स्कूलों व गावों में | प्रिंसिपल, टीचर, स्टाफ यहां तक की स्कूलों के पुरुष अध्यापकों ने भी इस मुक्ति हाइजीन प्रोजेक्ट को खुलकर समर्थन दिया | धीरे धीरे हम इस व्यवस्था के माध्यम से 3 विकासखण्डों के 68 स्कूलों से जुड़ गए |
  •          संस्था अपने जनजागरूकता शिविर के प्रथम चरण (2015-16) में मार्केट से सेनेटरी नैपकिन लाकर आपूर्ति करती थी, पर इस विषय की गंभीरता को भांपते हुए निदान संस्था ने ठोस रूप से कदम उठाते हुए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का बीड़ा उठाया और 2016 में बंगलौर में स्वयं संस्था की अध्यक्ष डॉ. सुषमा ने ट्रेनिंग ली और उसके बाद NTPC सीपत कंपनी के सहयोग से छत्तीसगढ़ में प्रथम बायोडीग्रेबल एवं इकोफ्रेंडली यूनिट लगाईं |
  •          संस्था में कार्यक्रम दो विकासखंडो बिल्हा, मस्तुरी के 8 ग्राम पंचायतों के 12 स्कूलों से कार्यक्रम की शुरुआत की थी धीरे धीरे संस्था ने NTPC सीपत कंपनी के सहयोग से मस्तुरी वि.ख. के 40 स्कूलों का चयन किया जिसमे निदान संस्था हाईजिन प्रोजेक्ट के द्वारा माहवारी स्वछता प्रबंधन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया | जिसके अंतर्गत किशोरियों को शारीरिक बदलाव एवं मानसिक धर्म के दौरान के रहन-सहन, स्वच्छता एवं सेनेटरी नैपकिन इस्तेमाल करने की आदत को बढ़ावा देते है एवं उनके स्वास्थ्य पर सेनेटरी इस्तेमाल करने वाले लाभों के बारे में अवगत करते है | वर्तमान में निदान संस्था अपनी लो-कास्ट सेनेटरी नैपकिन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का संचालन करती है जिसके माध्यम से आज संस्था लगभग 15000 छात्राओं को प्रतिमाह मुक्ति सेनेटरी नैपकिन एनटीपीसी की सहायता करा पायी | निदान संस्था वर्तमान में बिल्हा विकासखंड, तखतपुर विकासखंड, कोटा विकासखंड के 35 शास. विद्यालयों में हाईजीन प्रोजेक्ट मुक्ति शुरू करने जा रही हैं |
  •          डॉ. सिंह का मानना है की हाईजिन प्रोजेक्ट मुक्ति को छ.ग. शासन के साथ मिलकर मुक्ति किशोरी योजना के नाम से सम्पूर्ण संभाग (बिलासपुर) के ग्रामीण शासकीय विद्यालयों में लागु किया जाए जिससे की ग्रामीण किशोरीयां अपने माहवारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल स्कूलों के द्वारा ही प्राप्त कर सके क्योंकि प्रोजेक्ट मुक्ति के प्रारूप पमे ही छात्राओं को विद्यालयों में ही माहवारी शुरू होने के पूर्व ही जागरूक करना एवं सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करना दोनों का ही रोड मैप बनाकर ही संस्था काम कर रही है | वर्तमान में भी संस्था इसी रूप में व् इसी रोड मैप के साथ काम कर रही है | निदान संस्था द्वारा बनाये गए सेनेटरी नैपकिन पूर्ण रूप पसे बायोडीग्रेबल व् इकोफ्रेंडली है जिससे की उन्हें उचित स्थान पर फेंके जाने पर मिटटी के साथ आसानी से मिल जाते है एवं मिट्टी की उर्वरक शक्ति को भी बढाते है| निदान संस्था पर्यावरण के प्रति संवेदनशील व हमेशा गंभीर रही है और अपनी जिम्मेदारी सवरूप समझकर निदान संस्था प्रत्येक विद्यालयों में माहवारी जागरूकता शिविर के उपरान्त छात्र-छात्राओं एवं शिक्षिकाओं के द्वारा प्रत्येक स्कुल में फलदार व् आयुर्वेदिक पौधरोपण कराती है | इस कार्यक्रम के माध्यक से संस्था अबतक 1000 पौधरोपण करा चुकी हैं |
  •          अतः मैं निदान संस्था के माध्यम से यह निवेदन करना चाहती हूँ की ज्यादा से ज्यादा लोग इस मुक्ति प्रोजेक्ट को समर्थन दें जिससे की हम इस व्यवस्था को एनी प्रदेशों के भांति बिलासपुर संभाग में भी “मुक्ति किशोरी योजना” के नाम से लागू करा पायें|
  •          धन्यवाद .....           जहाँ हरियाली, वाही खुशहाली, बेटी बचाओं पेड़ लगाओ
  •                            मुक्ति सेनेटरी नैपकिन
  • तथ्य ग्रामीण क्षेत्रों में सेनेटरी नैपकिन इस्तेमाल ना करने का सबसे सशक्त कारण
  • 1.Affordability पहला कारण वहां या न खरीद पाने की
  • 2.Availabilityदूसरा कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सेनेटरी नैपकिन की उपलब्धता न होना
  • 3.Awareness तीसरा और सबसे सशक्त कारण सेनेटरी नैपकिन इस्तेमाल करने के लाभ की जानकारी ण होना या जनजागरूकता का अभाव

  •                            हौसले बुलंद कर रास्तो पर चल दे,
  •                              तुझे तेरा मुकाम मिल जाएगा,
  •                            बढाकर तू अकेला पहल कर,
  •                              देखकर काफिला खुद बन जाएगा |


  •                                   
  •                                   डॉ. सुषमा सिंह
  •                                   अधक्ष एवं संस्थापक
  •                                   निदान संस्था, बिलासपुर (छ.ग.)
  •                                   मो. 8357020007
  •                                   ई.मेल nidaanngo24@gmail.com