2015 में निदान संस्था की अध्यक्ष होने के नाते डॉ. सिंह ने ग्रामीण किशोरियों/महिलायों के स्वास्थ्य पर कम शुरु किया धीरे धीरे उन्होंने पाया की ज्यादातर किशोरियों अपने मासिक धर्म के दौरान स्कुल नही जाती है| इसके पीछे की वजह जानने की जिज्ञासा के फलस्वरूप डॉ. सुषमा सिंह विकासखंड बिल्हा, मस्तुरी के गावो के शास. विद्यालयों में सर्वे के साथ जागरूकता अभियान शुरु किया और 3200 सौ छात्राओं और 68 शिक्षिकाओ से जो आकड़े मिले वो चोका देने वाले थे – 78% छात्राये अपने पहले मासिक धर्म शुरु होने से पहले इस विषय पर कुछ नही जानती जिससे उनके अंदर मासिक धर्म से जुडी भ्रांतियों व रुधिवादे स्थान ले लेती है|
निदान संस्था ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम में इसी विषय को फोकस किया और स्कुलो में मुक्ति हाईजिन प्रोजेक्ट शुरू और पाया की इस तरह के अवेयरनेस काफी ज्यादा आवश्यक है ग्रामीण शासकीय स्कुलो व गावो में| धीरे धीरे हम इस व्यस्था के माध्यम से 3 विकासखंडो के 68 स्कुलो से जुड़ गये|
संस्था अपने जनजागरूकता शिविर के प्रथम चरण (2015-16) में मार्किट से सेनेटरी नैपकिन लाकर आपूर्ति करती थी, पर इस विषय की गंभीरता को भापते हुए निदान संस्था ने ठोस रूप से कदम उठाते हुए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगने का बीड़ा उठाया और 2016 में बंगलौर में स्वम् सस्ता की अध्यक्ष डॉ. सुषमा ने ट्रेनिग ली और उसके बाद NTPC सीपत कम्पनी के सहयोग से प्रथम बायोडिग्रीडेबल व इकोफ्रेडली यूनिट लगाई|
संस्था ने कार्यक्रम दो विकासखंड बिल्हा, मस्तुरी के ग्राम पंचायतो के 12 स्कुलो से कार्यक्रम की थी धीरे धीरे संस्था ने NTPC सीपत कम्पनी के सहयोग से मस्तुरी वि.ख. के 40 स्कुलो का चयन किया जिसमे निदान संस्था हाईजिन प्रिजेक्ट के द्वारा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम का सुभारम्भ किया|